• संजय तिवारी
अटैक ऑन मोदी वाया गुजरात। जी हां , ऐसा ही होने जा रहा
है। जिस बिहारी सुशासन बाबू यानी नितीश कुमार को भाजपा के निकट बताया जा रहा था वह
अब गुजरात के अपनी बिरादरी के फायर ब्रांड नेता हार्दिक पटेल से हाथ मिला कर गुजरात
की धरती से ही मोदी हराओ , देश बचाओ के नारे के साथ घेरेबंदी की नयी रणनीति बना
चुके है। फिलहाल गुजरात से निष्कासित चल रहे हार्दिक पटेल की जिस तरह मंगलवार को लालबत्ती
में पटना में नितीश कुमार ने अगवानी कराई और महत्त्व देकर मिले , उससे साफ़ जाहिर है
की हार्दिक के साथ अब नितीश नयी रणनीति बना चुके है। अभी हाल में नोटबंदी के मुद्दे
पर मोदी की तारीफ़ करने के बाद राजनीतिक पंडित इस अनुमान में थे कि नीतीश कुमार
, संभव है कि अपने पुराने गठबंधन में शामिल हो जाये। हार्दिक से मुलाकात और तय हो चुके
कार्यक्रमो ने उन सभी अटकलों पर विराम लगाकर नयी राजनीति के संकेत दे दिए है।
अब यह तय हो चुका है कि नीतीश कुमार हार्दिक पटेल के साथ
मिलकर गुजरात में नरेंद्र मोदी पर निशाना साधेंगे। अखिल भारतीय पटेल नव निर्माण सेना
के प्रेसिडेंट हार्दिक मंगलवार को बिहार में थे। उन्होंने नीतीश से मुलाकात की और उन्हें
28 जनवरी को गुजरात में किसान सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया। तय किया गया
है कि यह प्रोग्राम पूरी तरह से मोदी और बीजेपी के खिलाफ होगा। नारा भी 'मोदी हराओ,
देश बचाओ' रखा गया है। मंगलवार को हार्दिक ने 1 अणे मार्ग पहुंच कर नीतीश से मुलाकात
की। मुख्यमंत्री से बातचीत में हार्दिक ने बिहार में शराबबंदी की सराहना की। करीब
लगभग एक घंटे तक चली बातचीत के बाद हार्दिक ने बाहर आने पर कहा, ''मैं मुख्यमंत्री
को किसान सम्मेलन में शामिल होने के लिए निमंत्रण देने आया था। मुख्यमंत्री ने इसे
स्वीकार कर लिया है।'''बिहार में शराबबंदी का कानून लागू है। यह मुख्यमंत्री द्वारा
उठाया गया ऐतिहासिक कदम है। गुजरात में भी शराबबंदी है, पर वहां शराब की बिक्री
जारी है। इसमें बीजेपी नेताओं का हाथ है।
पिछले साल अगस्त-सितंबर में जब गुजरात में आरक्षण का आंदोलन
तेज था तो उस वक्त नीतीश कुमार ने हार्दिक पटेल की तारीफ की थी। इसके बाद कुर्मी समाज
से आने वाले हार्दिक पटेल ने नीतीश कुमार को अपना बताया था।
नीतीश भी हार्दिक के आंदोलन की कई मौकों पर तारीफ कर
चुके हैं।
मुख्यमंत्री से मिलने के बाद हार्दिक पटेल ने संवाददाताओं से
बात करते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी का कानून लागू है जो मुख्यमंत्री के द्वारा
उठाया गया एक एतिहासिक कदम है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा
कि शराबबंदी कर उन्होंने राज्य में सामाजिक परिवर्तन किया है। बिहार की जनता आज काफी
खुश है। लोगों में खुशहाली और प्रेम का माहौल देखने को मिल रहा है। राज्य सरकार
की तरफ से हार्दिक पटेल के लिए वीआइपी इंतजाम किए गए हैं। लाल बत्ती लगी एंबेसडर गाड़ी
से हार्दिक सीएम आवास पहुंचे। उनके साथ जदयू के महासचिव केसी त्यागी भी मौजूद रहे। हार्दिक
पटेल के पटना एयरपोर्ट पहुंचने के बाद उनके समर्थकों और मीडियाकर्मियों के बीच तीखी
नोंक-झोंक हो गई । हार्दिक पटेल के समर्थकों ने एयरपोर्ट पर मीडिया कर्मियों से हाथापाई
की और मीडिया कर्मियों का कैमरा तोड़ने का प्रयास किया। एयरपोर्ट पर पटेल नव निर्माण
सेना के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन पटेल के साथ उनके समर्थक भी मौजूद थे।
नीतीश कुमार अगले महीने हार्दिक पटेल की अखिल भारतीय
पटेल नवनिर्माण सेना के साथ गुजरात में कई संयुक्त रैलियां कर सकते हैं। सूत्रों
के अनुसार दोनों नेता मेहसाना, राजकोट और सूरत में होने वाली रैलियों में दोनों नेता
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की विजय रुपानी सरकार को चुनौती देंगे। हार्दिक
पटेल हाई कोर्ट के आदेश पर 17 जुलाई उदयपुर चले गए थे। अदालत ने उन्हें छह महीने गुजरात
से बाहर रहने का आदेश दिया था। जनवरी में हार्दिक के राज्य से बाहर छह महीने पूरे हो
जाएंगे। माना जा रहा है कि उसके बाद हार्दिक राज्य में जोरदार वापसी करेंगे।
सूत्रों के अनुसार आरक्षण का लाभ नहीं पाने वाले अति-पिछड़ा
वर्ग (ईबीसी) के नेताओं और दलित नेताओं को एकजुट करने की कोशिश की जा रही है ताकि गुजरात
में बीजेपी का एक भरोसेमंद विकल्प तैयार किया जा सके। उना आंदोलन के बाद दलित नेता
बनकर उभरे राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के जिग्नेश मेवानी उदयपुर में हार्दिक से मिले
थे। जद(यू) के एक जिम्मेदार पदाधिकारी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में मुलायम
सिंह यादव या मायावती गैर-बीजेपी नेतृत्व का चेहरा बन सकते हैं, नीतीश-हार्दिक गुजरात
में दलित-पटेल-मुस्लिम मोर्चे का चेहरा बन सकते हैं। नीतीश इस एकता के सूत्रधार हो
सकते हैं। नीतीश के लिए गुजरात उत्तर प्रदेश से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इससे नीतीश के
बीजेपी के करीब आने की अफवाहें भी खत्म हो जाएंगी।