रजत पट पर पकिस्तान : युद्ध और प्यार 


संजय तिवारी 

हमेशा से हमारी सेना बॉलीवुड को प्रेरित करती रहती है। फिर, जब उन बेहतरीन विषयों पर फिल्में बन जाती हैं तो वे हमारे सैनिकों को प्रेरित करती रहती हैं। ऐसी कई फिल्में हैं जो सैनिकों को प्रेरित करती हैं। मनोबल बढ़ाती हैं। खासकर, नए भर्ती होनेवाले सैनिक इन फिल्मों को देखते हैं।हम आपको ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में बताएंगे, जो बड़े ही चाव से हमारे सैनिक देखते हैं। खासकर, भारत-पाकिस्तान के बीच हुई लड़ाइयों में जिस तरह से हमारे सैनिकों ने अपनी वीरता दिखाई है, उस पर बनी फिल्में अधिक चाव से देखी जाती हैं। 



 हिंदुस्तान की कसम
चेतन आनंद द्वारा निर्देशित यह फिल्म भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुई जंग को लेकर बनी थी. युद्ध की बर्बरता को इस फिल्म में दिखाया गया था. 1973 में रिलीज हुई इस फिल्म में राज कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई थी. बाद में 1999 में फिर इसी नाम से फिल्म बनी। 



 बॉर्डर
जेपी दत्ता द्वारा निर्देशित इस फिल्म में भी 1971 के भारत-पाक युद्द को दिखाया गया था. इस फिल्म में मुख्य फोकस राजस्थान में लांगेवाला की लड़ाई पर रहा था. इस फिल्म का जब भी जि़क्र होता है, हम रो देते हैं। पहली ऐसी फिल्म जिसे देखकर हम रोये थे। एक ऐसी फिल्म जिसमें यह दिखाया गया है कि घर, परिवार, पत्नी, बच्चे इन सबसे ऊपर भी कुछ है और वो है देश की रक्षा।

एलओसी कारगिल
बॉर्डर बनाने वाले जे.पी.दत्ता ने देशभक्ति और मल्टीस्टारर का फार्मूला एक बार फिर आजमाया , पर यह बॉक्स ऑफिस पर करिश्मा नही दिखा पाई।  2003 में रिलीज़ यह फिल्म 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुयी कारगिल की लड़ाई पर आधारित थी।  संजय दत्त ,अजय देवगन , रानी मुखर्जी ,रवीना टंडन ,सैफ अली खान ,सुनील शेट्टी , अभिषेक बच्चन समेत कई कलाकारों की भरमार थी।  255 मिनट की एलओसी कारगिल बॉलीवुड की सर्वाधिक लम्बी फिल्मो में से एक है।  अनु मलिक का संगीत होने के बावजूद इस फिल्म के गाने ज्यादा लोकप्रिय नही हो पाए थे।  ये फिल्म भले बॉक्स ऑफिस पर कमाल नही कर पायी लेकिन इस फिल्म ने कई अवार्ड अपनी अपनी झोली में ले लिए थे। 


 मिशन कश्मीर
इस फिल्म में दिखाया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद के कारण कैसे ये जन्नत आतंकवाद का केंद्र बन गई. निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की ये फिल्म वर्ष 2000 में रिलीज हुई.



 अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
साल 2014 में अक्षय कुमार ने भारत-पाक रिश्तों पर आधारित इस फिल्म का निर्माण किया. फिल्म के निर्देशक अनिल शर्मा हैं. फिल्म में अक्षय कुमार के साथ अमिताभ बच्चन, बॉबी देओल मुख्य भूमिका में दिखे.


 गांधी :
1982 में एक फिल्म आयी थी ‘गांधी’ इस फिल्म को आप देखोगे तो आपको गांधी जी के दर्शन हो जाएंगे। जी हां इस फिल्म में गांधी का किरदार ‘बेन किंग्सले’ ने निभाया था। हू-ब-हू गांधी जैसा दिखा। फिल्म में आपको भारत का इतिहास पता चल जाएगा। बहुत-सी ऐसी चीजें देखने को मिलेंगी जिससे आप अब भी अनजान हैं।



 लक्ष्य :
लक्ष्य 2004 में बनी फरहान अख्तर द्वारा निर्देशित बॉलीवुड फिल्म है। इसके अभिनेता रितिक रोशन, प्रीति जिंटा, अमिताभ बच्चन, ओम पुरी और बोमन ईरानी है। रितिक रोशन लेफ्टिनेंट करण शेरगिल की भूमिका में दिखे थे जो अपनी टीम का नेतृत्व कर आतंकवादियों पर जीत पाते हैं। यह 1999 के कारगिल युद्ध के संघर्ष की ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित एक काल्पनिक कहानी है।

और भी बनी है फिल्मे 

भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर केंद्रित सलमान खान की ‘एक था टाइगर’, सैफ अली खान की ‘एजेन्ट विनोद’ और ‘हैदर’, ‘बेबी’, ‘तेरे बिन लादेन’ का नाम ऐसी फिल्मों की सूची में शुमार है जो पाकिस्तान में रिलीज नहीं हो पाई थी.


एलओसी कारगिल सैनिकों को करती है प्रेरित
1999 में हुई कारगिल की लड़ाई पर एलओसी कारगिल नाम से फिल्म बनाई गई थी। यह फिल्म 2003 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म का सब्जेक्ट कारगिल में हुई लड़ाई पर आधारित थी और भारतीय सेना की जीत के शानदार तरीके से दिखाया गया था। इस फिल्म को भी जेपी दत्ता ने निर्देशित किया था। फिल्म में मनोज बाजपेयी, रानी मुखर्जी, करीना कपूर, ऐशा देओल, अजय देवगन, अरमान कोहली, नागार्जुन, सैफ अली खान, सुनील शेट्टी, अभिषेक बच्चन, मोहनीश बहल, अक्षय खन्ना और रवीना टंडन ने मुख्य भूमिका निभाई थी।

अबतक की सर्वेश्रेष्ठ वॉर फिल्म है बार्डर
बॉर्डर फिल्म एक ब्लॉक बस्टर फिल्म थी। यह फिल्म सैनिकों के बीच काफी लोकप्रिय भी है। यह फिल्म 1997 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में सनी देओल, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना, जैकी श्रॉफ, तब्बू, पूजा भट्ट, पुनीत इस्सर, कुलभूषण खरबंदा और राखी जैसे मंजे हुए कलाकारों ने काम किया था। यह फिल्म भी 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई लड़ाई पर आधारित थी। यह माना जाता है कि अबतक जितनी भी फिल्में भारत-पाकिस्तान की लड़ाइयों पर बनी है, उसमें बार्डर सर्वेश्रेष्ठ है। 



हकीकत
इस फिल्म में  भारत-चीन के बीच हुई लड़ाई को दिखाया गया था। इस युद्ध में भारत की हार हुई थी और तब सेना का मनोबल काफी गिरा हुआ था। हालांकि, इस  फिल्म में सैनिकों की व्यक्तिगत वीरता को दिखाया गया है। इससे हमारे सैनिक प्रेरित होते हैं। बलराज साहनी, धर्मेंद्र, प्रिया राजवंश, संजय खान और विजय आनंद ने मुख्य किरदार निभाया था। इस फिल्म में यह दिखाया गया है कि भारतीय सेना के कुछ जवान किस तरह सीमा पर बड़े इलाके को किस तरह चीन की सेना से बचाते हैं।

लक्ष्य में चमत्कारिक जीत आश्चर्यचकित करती है
लक्ष्य भी एक शॉर्ट टर्म वॉर आधारित फिल्म है। इस फिल्म भी कारगिल युद्ध पर आधारित है। यह 2004 में रिलीज हुई थी। फरहान अख्तर ने इसे डायरेक्ट किया था। ऋतिक रोशन, प्रिटी जिंटा, अमिताभ बच्चन, शरद कपूर, आदित्य श्रीवास्तव, ओम पुरी और बोमन ईरानी ने मुख्य किरदार निभाया था। ये फिल्म लेफ्टिनेंट करन शेरगिल के आसपास ही घूमती है, जो अपनी व्यक्तिगत वीरता के कारण पाकिस्तानी सेना पर जीत हासिल करता है। इस मूवी में ऋतिक रोशन एकदम रियल सैनिक लगे थे। 

 और एक नज़र प्यार वाली फिल्मो पर 

भारत और पाकि़स्तान शांति समझौते के भले ही किसी भी फॉर्मूला पर एकमत ना हों, लेकिन भारत-पाक़ का यही रिश्ता बॉलीवुड के लिए हिट फॉर्मूला बन चुका है.लगभग सभी बड़े बैनर इस फॉर्मूले को अलग-अलग तरीक़े से आज़माते रहे हैं.अब तक का अनुभव तो यही बताता है कि इस फॉर्मूले ने फिल्म निर्माता को फ़ायदा ही पहुंचाया है.
बॉलीवुड में भारत-पाक़ रिश्ते को लेकर कई फि़ल्में बनीं. कभी बंटवारा, तो कभी युद्ध, और कभी भाईचारा. इनमें ज़्यादातर फि़ल्में बॉक्स ऑफिस पर कामयाब ही साबित हुईं . एक नजऱ इन फिल्मों पर:

 पिंजर :
यह फिल्म चंद्र प्रकाश द्विवेदी द्वारा निर्देशित 2003 की फिल्म है। फिल्म भारत के विभाजन के दौरान हिंदुओं और मुसलमानों की समस्याओं के बारे में है। फिल्म अमृता प्रीतम द्वारा लिखित इसी नाम के एक पंजाबी उपन्यास पर आधारित है। उर्मिला मातोंडकर, मनोज बाजपेयी और संजय सूरी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। आलोचकों की प्रशंसा के अलावा फिल्म ने राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फि़ल्म पुरस्कार जीता।
 खामोश पानी :
यह एक पाकिस्तानी फिल्म है जो एक विधवा मां की कहानी है। यह फिल्म पाकिस्तान के एक छोटे से गांव में बनी थी। बाद में इस फिल्म को भारत में भी बनाया गया। यह फिल्म 2003 में आयी थी। इस फिल्म में किरण खेर और सलमान साहिद जैसे मशहूर कलाकार काम कर चुके हैं।

 हे राम : 
हे राम 2000 में निर्मित तथा कमल हासन द्वारा निर्देशित फिल्म है। इस फिल्म में शाहरूख खान, रानी मुखर्जी, हेमा मालिनी भी थे। ये फिल्म भी इंडिया-पाकिस्तान के विभाजन पर बनी थी। इस फिल्म में कमल हासन राम की भूमिका में थे।

 गर्म हवा :
सन् 1973 में आयी ये फिल्म बड़ी सादगी और सच्चाई से विभाजन के बाद देश में रह गये मुसलमानों के द्वंद्व और दंश को पेश करती है। इस फिल्म ने इश्क को बड़ी खूवसूरती से पेश किया है। विभाजन के वजह से दो प्रेमी अलग हो जाते हैं। फिल्म बहुत अच्छी थी। इस फिल्म को ज़रूर देखना चाहिए।

बजरंगी भाईजान
2015 में आई कबीर ख़ान की निर्देशित फि़ल्म 'बजरंगी भाईज़ान' भारत-पाकि़स्तान में भाईचारे को दर्शाती फि़ल्म थी. लगभग 90 करोड़ में बनी बजरंगी भाईज़ान ने सलमान के करिश्मे के सहारे लगभग 316 करोड़ की कमाई की. पाकि़स्तान का मानवीय पक्ष सामने लाने के बावजूद इसे पाकि़स्तान में ठंडा रिस्पॉन्स ही मिला.

एक था टाइगर
यशराज़ की 2012 में आई फि़ल्म 'एक था टाइगर' में सलमान ख़ान भारतीय जासूस बने थे, जो पाकि़स्तानी जासूस कैटरीना कैफ से इश्क़ कर बैठता है. एक्शन और रोमांस से भरी इस फि़ल्म को भारत में बहुत पसंद किया गया. 90 करोड़ में बनी एक था टाइगर ने लगभग 200 करोड़ की कमाई की.

फि़ल्मीस्तान
बहुत छोटे बजट में बनी 'फि़ल्मीस्तान' में दोनों मुल्कों की फि़ल्मों के प्रति दीवानगी दिखाई गई थी. छोटे बजट की इस फि़ल्म ने करीबन 6 करोड़ की कमाई कर सबको हैरान कर दिया था.

वीर-ज़ारा
बॉलीवुड के किंग ऑफ़ रोमांस यश चोपड़ा ने शाहरुख़ ख़ान के साथ 'वीर-ज़ारा' बनाई. इसमें भारतीय वायुसेना के पायलट बने शाहरुख़ ख़ान को लाहौर की लडक़ी प्रीटी जिंटा से प्यार हो जाता है. उसके लिए वो अपनी पहचान खोने को भी तैयार हो जाता है. 2004 में 25 करोड़ में बनी वीर-ज़ारा ने लगभग 100 करोड़ का कारोबार किया और यश चोपड़ा की बेहतरीन फि़ल्मों में अपना नाम दर्ज करवाया.


ग़दर एक प्रेम कहानी
2001 में 18 करोड़ की लागत से भारत-पाकि़स्तान के बंटवारे पर बनी फि़ल्म 'ग़दर - एक प्रेम कथा' ने बॉक्स ऑफिस पर ग़दर ही मचा दिया. सनी देओल और अमीषा पटेल स्टारर यह फिल्म बॉलीवुड की पहली 100 करोड़ कमाने वाली फि़ल्म बनी. फि़ल्म में सनी देओल का हैण्डपंप उखाडऩे वाला दृश्य आज भी दर्शकों का पसंदीदा सीन है.

हिना
हिना भारत-पाक़ संबंधों पर बनी एक उम्दा फि़ल्म है. वरिष्ठ पत्रकार जेपी चौकसे के मुताबिक़ राज कपूर के ज़हन में हिना की कहानी मनमोहन देसाई की 1960 में बनी राज कपूर और नूतन की फि़ल्म 'छलिया' के दौरान आई थी. राज कपूर की इस ख़्वाहिश को उनके तीनों बेटों रणधीर, राजीव और ऋषि कपूर ने 1991 में हकीकत में बदला. फि़ल्म का निर्देशन रणधीर कपूर ने किया, तो राजीव कपूर ने बड़े भाई रणधीर के साथ मिलकर निर्माता का काम संभाला.
छोटे भाई ऋषि कपूर ने अभिनय की कमान संभाली. पाकिस्तानी अभिनेत्री ज़ेबा बख़्तियार ने फि़ल्म में पाकि़स्तानी लडक़ी हिना का किरदार निभाया, जिसे याददाश्त खो बैठे हिंदुस्तानी लडक़े (ऋषि कपूर) से प्यार हो जाता है. फि़ल्म को दोनों देशो के दर्शकों ने सर आंखों पर बिठाया. चार करोड़ में बनी हिना फि़ल्म ने दुगनी कमाई की थी.

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