भक्ति और अध्यात की आड़ में गन्दा धंधा , आसाराम से रामरहीम तक

भक्ति और अध्यात की आड़ में गन्दा धंधा , आसाराम से रामरहीम तक 
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संजय तिवारी 
भारत में भक्ति और अध्यात्म के नाम पर धंधा चलाने वालो की कमी नहीं है। भोले भाले लोगो को अपने कुछ चमत्कार और उसी की आड़ में बुने गए जाल में फांसना बहुत आसान है। इसी कड़ी में एक नाम जुड़ा है बाबा राम रहीम का। राम रहीम के आलावा और भी कई बाबा लोग हैं जिन्होंने धर्म और अध्यात्म की आड़ में बहुत बड़े बड़े साम्राज्य बनाये लेकिन अपने कुछ कुकृत्यों में ऐसा फंसे की अभी तक जेल की हवा खा रहे हैं। इस बार मामला है पंजाब और हरियाणा की समूची राजनीति को प्रभावित करने वाले डेरा सच्चा सौदा के संचालक बाबा गुरुमीत राम रहीम का। मामला यौन शोषण का है और आज कोर्ट ने फैसला भी तय कर लिया है। इससे पहले हरियाणा में ही 
बाबा मपाल को लेकर हुए तमाशे को दुनिया देख चुकी है। पिछले साल उतरप्रदेश में जय गुरुदेव के अनुयायी रामबृक्ष की कहानी भी सबने देखी। आसाराम अभी भी जेल में हैं। भीमानंद और स्वामी नित्यानंद की कहानिया भी जान सामान्य में हैं।मुसलमान, ईसाई ,बौद्ध और इस तरह के अन्य मज़हबी बाबाओ की कमी नहीं है। बिजनौर के मौलाना अनवारुल हक़ , केरल के फादर रॉबिन , ‘निकाह हलाला’ करने वाले तीन इमाम औरअसम के एक बौद्ध भिक्षु के यौन शोषण सम्बन्धी विवाद बहुत चर्चा में है। हर मज़हब में इस तरह के दरिंदे मौजूद है जो संत का चोला पहन कर अपनी दूकान चला रहे हैं।  आइये एक नज़र डालते हैं इन बाबाओ पर -

उत्तर भारत में डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह बड़ी ताकत हैं। 29 अप्रैल 1948 को तत्कालीन पंजाब के सिरसा में बलोचिस्तीनी साधू शाह मत्तन जी ने डेरा डाला, जो बाद में मस्ताना बाबा के नाम से जाने गए। उन्हीं ने अपने डेरे को सच्चा-सौदा का नाम दिया। उनका सूफी फकीर जैसा स्वाभाव था। नतीजतन लाखों लोग उनसे जुड़ते चले गए। 1960 में सतनाम सिंह डेरा प्रमुख बने। 13 सितंबर 1990 में गुरमीत सिंह (वर्तमान डेरा प्रमुख) ने गद्दी संभाली।

गुरमीत राम रहीम सिंह का साम्राज्य

गुरमीत राम रहीम सिंह का जन्म 15 अगस्त, 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गुरूसर मोदिया में जाट सिख परिवार में हुआ। इन्हें महज सात साल की उम्र में ही 31 मार्च 1974 को तत्कालीन डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह जी ने ये नाम दिया था। 23 सितंबर, 1990 को शाह सतनाम सिंह ने देशभर से अनुयायियों का सत्संग बुलाया और गुरमीत राम रहीम सिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। गुरमीत राम रहीम सिंह अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। डेरा प्रमुख की दो बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी चरणप्रीत और छोटी का नाम अमरप्रीत है, जबकि उन्होंने इन दो बेटियों के अलावा एक बेटी को गोद लिया हुआ है। गुरमीत राम रहीम के बेटे की शादी बठिंडा के पूर्व एमएलए हरमिंदर सिंह जस्सी की बेटी से हुई है। इनके सभी बच्चों की पढ़ाई डेरे की ओर से चल रहे स्कूल में हुई है। इनके दो दामाद रूहेमीत और डॉ. शम्मेमीत हैं।
शुरुआत में डेरा का प्रभाव हरियाणा के सिरसा, फतेहबाद, हिसार और पंजाब के मनसा, मुक्तसर और बठिंडा तक ही सीमित था, लेकिन 1990 में जब बाबा राम रहीम डेरा प्रमुख बने तो इसका विस्तार तेज हुआ। डेरा सच्चा सौदा 104 तरह के सामाजिक कार्यक्रम चलाने का दावा करता है। डेरा के मुताबिक, प्राकृतिक आपदा में लोगों की मदद करना, अस्पतालों को देहदान, रक्त दान करना, स्वच्छता अभियान चलाना, वृक्षारोपण करना, भ्रूण हत्या और नशे के मुक्ति सबसे प्रमुख कार्य हैं। डेरा का यह भी दावा है कि अनाथ बच्चों को अपनाने और वेश्यावृत्ति उन्मूलन के क्षेत्र में भी हम काम करते हैं।

65 साल से चल रहा है डेरा का आश्रम

हरियाणा के सिरसा जिले में डेरा का आश्रम 65 सालों से चल रहा है। डेरा का साम्राज्य विदेशों तक फैला हुआ है। देश में डेरा के करीब 46 आश्रम हैं और उसकी शाखाएं अमेरिका, कनाडा और इंग्लैंड से लेकर ऑस्ट्रेलिया और यूएई तक फैली हुई हैं। दुनियाभर में इसके करीब पांच करोड़ अनुयायी हैं, जिनमें से 25 लाख अकेले हरियाणा में ही मौजूद हैं।

रॉक स्टार गुरमीत राम रहीम सिंह

अपने समर्थकों के बीच नाचते-गाते और झूम-झूमकर थिरकते बाबा राम रहीम का नाम यूं तो पिछले करीब दो दशकों से देश और विदेश में गूंज रहा है। यही कारण है कि वे अपने अनुयायियों के बीच एक संत होने के साथ एक 'रॉक स्टार' भी हैं। राजनीति के क्षेत्र में भी पंजाब और हरियाणा में डेरा को एक बड़ी ताकत माना जाता है और यही वजह है कि ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा के चुनाव तक सभी दलों के नेता बाबा से समर्थन की आस लगाकर उनकी शरण में आते रहे हैं।

पतंजलि की तरह ही MSG के नाम से कारोबार

बाबा रामदेव के पतंजलि प्रोडक्ट्स की तरह ही राम रहीम भी MSG नाम से प्रोडक्ट्स बाजार में बेचते हैं। MSG के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर में 200 स्टोर हैं। कंपनी के प्रोडक्ट्स में दाल, अनाज, चावल, आटा, देसी घी, मसाले, अचार, जैम, शहद, मिनरल वॉटर और नूडल्स शामिल हैं। बाबा के पास हरियाणा के सिरसा में करीब 700 एकड़ की खेती की जमीन है। वो एक गैस स्टेशन और मार्केट कॉम्पलेक्स भी चलाते हैं।


शाह सतनाम सिंह मस्ताना की विरासत को गुरमीत राम रहीम सिंह ने अपने कार्यकाल में कई गुना बढ़ा दिया। उन्होंने सर्वधर्म के प्रतीक के रूप में अपने नाम के साथ राम, रहीम, सिंह जोड़ा। जब डेरा प्रमुख ने सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी का वेष धारण किया तो सिखों का गुस्सा फूट पड़ा। फलस्वरूप पंजाब में कई दिनों तक सांप्रदायिक तनाव बना रहा।

डेरा सच्चा सौदा से जुड़े विवाद

24 अक्टूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक के संपादक रामचंद्र छत्रपति पर कातिलाना हमले का आरोप। छत्रपति को घर से बुलाकर पांच गोलियां मारी गई। साध्वी से यौन शोषण और रणजीत की हत्या पर खबर प्रकाशित करने के कारण उन पर हमला हुआ।


 400 साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले की भी चल रही सीबीआई जांच। साधुओं को ईश्वर से मिलाने के नाम पर उनके अंडकोष काटकर नपुंसक बनाए जाने का आरोप है। सीबीआई इस मामले की सात से ज्यादा सील बंद रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर चुकी है। हंसराज चौहान की याचिका पर केस दर्ज हुआ।

 डेरे के पूर्व मैनेजर फकीर चंद 1991 में गायब हो गए थे। हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया गया कि फकीर चंद को डेरा प्रमुख ने गायब कराया। यह मामला भी सीबीआई के पास जांच के लिए आया।

 पंजाब पुलिस ने डेरा प्रमुख के खिलाफ धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में बठिंडा में मामला दर्ज किया। खालसा दीवान और श्रीगुरु सभा बठिंडा के अध्यक्ष राजिंदर सिंह सिद्धू की शिकायत पर केस दर्ज हुआ।

 मिलिट्री इंटेलीजेंस की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने लिया था संज्ञान। आरोप था कि पूर्व सैनिक डेरे में अनुयायियों को सैनिक ट्रेनिंग दी जा रही है।

साध्वी यौन शोषण 

डेरा प्रमुख पर आने वाले सीबीआईकोर्ट के फैसले के मद्देनजर हरियाणा और पंजाब सरकारों की सांसें फूली हुई हैं।
पिछले कई चुनाव में डेरा प्रमुख के एक इशारे ने हरियाणा और पंजाब में सरकारें बनाने-बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाई है। चुनाव में किस पार्टी का समर्थन करना है और किसकी अनदेखी की जानी है, इसका निर्णय हालांकि डेरा प्रमुख स्वयं करते हैं, लेकिन इशारा डेरे की राजनीतिक विंग की तरफ से आता है, जिसके बाद डेरा अनुयायी मतदान करते हैं। पिछले चुनाव में हरियाणा में डेरे ने भाजपा का समर्थन किया था, जिसके बाद दो दर्जन सीटों पर भाजपा उम्मीदवार जीत की स्थिति में पहुंच पाए थे। हरियाणा और पंजाब दो राज्य ऐसे हैं, जहां डेरे का पूरा दखल और प्रभाव है। 2007 के विधानसभा चुनाव में डेरा सच्चा सौदा ने पंजाब में कांग्रेस का समर्थन कर मालवाक्षेत्र में इस पार्टी को बढ़त दिलाई थी। 2014 के विधानसभा चुनाव में डेरे ने हरियाणा में भाजपा का समर्थन किया था, जबकि पंजाब में भी इसी पार्टी के प्रति नरम मिजाज दिखाया। पंजाब के मालवा क्षेत्र में 13 जिले आते हैं, जिनमें पांच दर्जन विधानसभा सीटें हैं।
हरियाणा की 36 विधान सभा सीटों पर प्रभाव
हरियाणा के नौ जिलों की करीब तीन दर्जन विधानसभा सीटों पर डेरे का पूरा दखल रखता है। हरियाणा में 15 से 20 लाख अनुयायी डेरे से जुड़े हैं, जिनके नियमित सत्संग होते हैं। ऐसे में यदि कोई भी सरकार विपरीत कार्रवाई करती है तो उसे राजनीतिक नुकसान का डर हमेशा सताता रहता है। प्रदेश में सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, कैथल, जींद, अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र जिले ऐसे हैं, जहां डेरा सच्चा सौदा का पूरा असर महसूस किया जा सकता है।

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संत रामपाल , हरियाणा

सन् २००६ में रामपाल के हिसार में सतलोक आश्रम में जमीन को लेकर विवाद हुआ था , इस विवाद में एक व्यक्ति की हत्या भी हुई थी , जिसमें रामपाल के विरुद्ध केस चला था। लेकिन इनके समर्थकों ने हिसार  कोर्ट में बवाल मचा दिया था जिसके कारण केस को हाईकोर्ट में चलाना  पड़ा था। उस वक़्त उच्च न्यायालय के बार - बार बुलाने  पर भी रामपाल हाजिर नहीं हुए थे हमेशा बहानेबाजी कर के बचते रहे। एक बार जुलाई २००६ में ग्रामीण लोगों के साथ एक लड़ाई झगड़ा हुआ इस दौरान जब पुलिस रामपाल को गिरफ्तार करने को आई तो इनके हजारों समर्थक आश्रम में जमा हो गए थे और रामपाल तक पुलिस का पहुंचना मुश्किल कर  दिया था। इसके बाद सन् २०१३ में करोनथा गांव में उनके आश्रम में झड़प हुई थी जिसमें २ लोगों की जाने गई थी तथा कुछ अन्य लोग भी घायल हुए थे।
रामपाल का जन्म सोनीपत के धनाणा गांव में १९५१ में हुआ था। इन्होंने अपनी शिक्षा पूर्ण करने के तत्पश्चात हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में अभियंता बन गए थे। उन्हीं दिनों में रामपाल सत्संग करने में रूचि लेने लगे और संत रामपाल दास बन गए थे। सन् २००० में रामपाल ने अपने अभियंता पद से स्तीफा दे दिया और बाद में करोंथा गांव में सतलोक आश्रम की स्थापना की थी , हालांकि इनके गिरफ्तार होने के बाद आश्रम सरकार के क़ब्ज़े में है। संत रामपाल की बाबा बनने की कहानी जितनी दिलचस्प है। उतनी है उनकी गिरफ्तारी के बाद तहखानों से मिली सामग्री भी। जी हां, पिछले साल 20 नवंबर को हत्या के आरोप में रामपाल की गिरफ्तारी के बाद जब सतलोक आश्रम में सर्च अभियान चलाया गया था तो वहां से करोड़ों रुपए की खाद सामग्री मिली थी। जैसे, 7000 किलो देसी घी, 99 कार्टून सरसों का तेल, 186 कार्टून पारले बिस्कुट, 45 कैन सोयाबीन रिफाइंड तेल, 154 कट्टे मिल्क पाउडर, 600 कट्टे आटा और 600 कट्टे चीनी आदि । तलाशी के दौरान पुलिस को कई चौंकाने वाली चीजों का पता चला था। रामपाल का आश्रम किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं था। इसके अंदर स्विमिंग पूल, एलईडी टीवी से लेकर अस्पताल तक थे। सर्च के दौरान देशद्रोह व हत्‍या के आरोपी कबीरपंथी बाबा रामपाल के बरवाला (हिसार, हरियाणा) स्थित सतलोक आश्रम में महिला टॉयलेट में सीसीटीवी कैमरा लगा था। इतना ही नहीं, कैमरे का मुंह भी टॉयलेट के अंदर की ओर था। रामपाल खुद सिंहासन पर बैठता था और लिफ्ट से मंच पर प्रकट होता था। 5 लाख रुपए का मसाजर भी उसके कमरे से मिला था। इसके अलावा, कंडोम और अश्लील साहित्य भी बरामद किया गया था। इनके  निजी कक्ष में रहती थीं 6 सेविकाएं, खाता था धतूरे से बनी दवा।  सतलोक आश्रम संचालक रामपाल की मुसीबतें तब और बढ़ गई थी जब हाईकोर्ट में उनके खिलाफ नरबलि का आरोप लगाया गया था। दरअसल, जींद निवासी हरिकेश ने याचिका दायर कर कहा था कि अगस्त 2014 में उनके बेटे का शव आश्रम में मिला था। आशंका है कि उसकी बलि दी गई है, लेकिन पुलिस ने आत्महत्या का केस दर्ज किया था। जिस पर पीडि़त ने सीबीआई जांच की मांग की थी।
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आसाराम बापू 

पूरा नाम: आसूमल थाऊमल हरपलानी अथवा आसूमल सिरूमलानी,
जन्म: 17 अप्रैल 1941, नवाबशाह जिला, सिंध प्रान्त) 

भारत के एक कथावाचक, आध्यात्मिक गुरु एवं स्वयंभू सन्त हैं जो अपने शिष्यों को एक सच्चिदानन्द ईश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते हैं। उन्हें उनके भक्त प्राय: बापू के नाम से सम्बोधित करते हैं। आसाराम 400 से अधिक छोटे-बड़े आश्रमों के मालिक हैं। उनके शिष्यों की संख्या करोड़ों में है। आसाराम बापू सामान्यतः विवादों से जुड़े रहे हैं जैसे आपराधिक मामलों में उनके खिलाफ दायर याचिकाएँ, उनके आश्रम द्वारा अतिक्रमण, 2012 दिल्ली दुष्कर्म पर उनकी टिप्पणी एवं 2013 में नाबालिग लड़की का कथित यौन शोषण। उन पर लगे आरोपों की पर्त एक के बाद एक खुलती जा रही है। न्यायालय ने उन्हें न्यायिक हिरासत में रखने का निर्णय लिया है। फ़िलहाल आसाराम जोधपुर जेल की सलाखों के पीछे कैद हैं। इनके खिलाफ  यौन शोषण का मामला 2013 को प्रकाश में आया जब एक एफ आई आर दिल्ली के कमला नगर थाने में रात 2 बजे दर्ज हुई। घटना जोधपुर के मड़ई में स्थित फार्म हाउस में 16 अगस्त की बताई जाती है। एफ़ आई आर में लड़की ने आरोप लगाया है बापू ने रात उसे कमरे में बुलाया व 1 घंटे तक व यौन छेड़छाड़ की। मेडिकल जाँच में किसी प्रकार के निशान नहीं प्राप्त हुए न रेप की पुष्टि हुई। लड़की उत्तरप्रदेश के शाहजहा पुर की निवासी है जो 12 व्ही में छिंदवाड़ा में आश्रम के कन्या छात्रा वास में पढ़ती थी। 

स्वामी नित्यानंद 
इस लिस्ट में एक और स्वयं-भू भगवान स्वामी नित्यानंद का नाम भी है जो एक सेक्स स्कैंडल में शामिल थे. उनके ऊपर तमिल अभिनेत्री रणजीता के साथ यौन गतिविधियों में शामिल होने के आरोप है।  दक्षिण भारत में स्वामी नित्यानंद की बहुत बड़ी पीठ है। इस स्वामी के पास अकूत धन भी है। इनका विडिओ भी वायरल हो चुका  है। 

स्वामी भीमानंद 
इच्छाधारी संत स्वामी भीमानन्द  को 'महाराज चित्रकूट वाले' के नाम से भी जाना जाता है. उनके ऊपर भी बड़े पैमाने पर सेक्स रैकेट में शामिल होने का आरोप है।दिल्ली में इस बाबा के कारनामो की लम्भी फेहरिश्त है। भीमानंद और यूँ विवाद का आपस में बहुत गहरा सम्बन्ध रहा है।   

बिजनौर में पकड़ाया इमाम

साल भर पहले बिजनौर में एक इमाम, मौलाना अनवरुल हक़ एक औरत का रेप करते हुए पकड़ाया. 40 साल का मौलाना, 30 साल की औरत का रेप कर रहा था. मौलाना ने औरत को ये झांसा देकर अपने कमरे पर बुलाया था कि ऐसी कुछ पूजा है, जो उसे अकेले करनी होगी. वहां उसका रेप कर धमकी दी, पति को बताया तो ठीक नहीं होगा.

फादर रॉबिन
कुछ महीनों पहले केरल से एक 16 साल की लड़की के रेप होने की खबर आई. लड़की प्रेगनेंट हुई, उसे बच्चा भी हुआ. रेप करने वाला एक पादरी था. फादर रॉबिन, जिसपर रेप का आरोप था, बच्चों की बेहतरी के लिए काम करता था.

 औरतों के साथ ‘निकाह हलाला’ करने वाले तीन इमाम.

 अभी हाल ही में एक पत्रिका के  स्टिंग ऑपरेशन में मुरादाबाद में इमाम नदीम को पैसे लेकर निकाह हलाला करते हुए पाया गया. यानी तलाकशुदा औरत अपने पिछले पति के पास फिर से जा सके, इसके लिए उसे फिर से शादी करना ज़रूरी होता है. इमाम उनके साथ सोकर दूसरी शादी की कमी पूरी करते हैं. ज़ाहिर सी बात है, इसके बाद औरत को अपने पिछले पति से फिर से शादी करने की इजाज़त मिल जाती है. पता पड़ा कि इमाम एक औरत के साथ सोने के लिए 25 हजार से 1 लाख लेता था. बता दें कि झांसा देकर औरत के साथ सेक्स करना भी संविधान के मुताबिक रेप के दायरे में आता है. उत्तर प्रदेश और दिल्ली में मिलकर ऐसे कई इमाम स्टिंग में पकड़े गए.

तेजपुर यूनिवर्सिटी में रेप हुई लड़की को इंसाफ दिलाने की मांग करते स्टूडेंट्स के बनाए पोस्टर.

बीते दिनों असम में एक 12 साल की लड़की का रेप हुआ, मीडिया में जिसकी खबर सुनने को नहीं आई. ये रेप एक बौद्ध भिक्षु ने बच्ची के हाथों पूजा करवाने के बहाने किया. घर से दूर एक मंदिर में उसे पूजा के लिए बुलाया और उसके भाई को सामान लेने भेज दिया. फिर अपने कमरे में उसका रेप कर उसे धमकी दी कि इस बारे में किसी से कहा तो परिवार का भविष्य बिगड़ जाएगा.

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