एक दिलकश हीरोइन मीनाक्षी शेषाद्री
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खूबसूरत रहस्यों की चादर में लिपटी एक दिलकश हीरोइन मीनाक्षी शेषाद्री. वो नाम जिसमें अजीब सी कशिश महसूस करते थे 80-90 के दशक के दर्शक लेकिन ये असल नाम नहीं है इस जादुई चेहरे का. ये नाम तो उन्हें मजबूरी में रखना पड़ा था. वो 17 साल तक शशिकला शेषाद्री थीं. साल 1981 में सबसे कम उम्र की मिस इंडिया बनने वाली शशिकला शेषाद्री.

18 साल की उम्र में फिल्मों में आईं और सुपरहिट हीरोइन बन गईं. 15 साल तक सिल्वर स्क्रीन इस दामिनी की दमक से चकाचौंध रहा. मगर साल 1996 में अचानक उनकी जिंदगी में कोई आया और ये चेहरा फिल्मी दुनिया से गायब हो गया. स्टारडम के चरम पर मायानगरी की रंगीन दुनिया छोड़ रहस्यलोक में चली गईं मीनाक्षी. तब से अब तक मीनाक्षी शेषाद्री की जिंदगी ज़माने के लिए एक मिस्ट्री है.

17 साल की शशिकला शेषाद्री देश की सबसे कम उम्र की मिस इंडिया चुनी गई थी. फूल से मुस्कुराते इस चेहरे के लिए मनोज कुमार ने एक अरमान सजा लिया. अपने भाई की फिल्म में हीरोइन बनाने का अरमान. मनोज कुमार मिस इंडिया पर इस कदर फिदा थे कि उन्होंने शशिकला शेषाद्री का स्क्रीन टेस्ट तक नहीं लिया लेकिन हिरोइन बनने में एक अड़चन अब भी बाकी थी और वो था शशिकला का नाम क्योंकि इस नाम की एक हीरोइन पहले से हिंदी फिल्मों में थीं इसलिए मिलते-जुलते नाम ने मीनाक्षी की मुश्किल बढ़ा दी. तब तय हुआ कि शशिकला को बॉलीवुड़ की दुनिया जानेगी मीनाक्षी शेषाद्री के नाम से.
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साल 1983 में मनोज कुमार की फिल्म पेंटर बाबू से मीनाक्षी ने सिल्वर स्क्रीन पर एंट्री की. फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही, पहले ही पायदान पर मीनाक्षी का हिंदी फिल्मों से मोहभंग हो गया. वो बॉलीवुड छोड़ने का मन बना चुकी थीं लेकिन इस वक्त तक एक शोमैन का भी मन मोह चुकी थीं मीनाक्षी. शोमैन सुभाष घई फिल्म हीरो के लिए हीरोईन की तलाश में जुटे थे और उनकी ये तलाश मीनाक्षी पर आकर ठकर गई. लेकिन राधा माथुर के किरदार के लिए मीनाक्षी तैयार नहीं थीं. वो पहली फिल्म के बाद कोई फिल्म करना ही नहीं चाहती थीं. मीनाक्षी का मन फिल्मी लटके-झटकों से उलट क्लासिकल डांस में लगता था. सुभाष घई की बड़ी मिन्नतों के बाद मीनाक्षी ने फिल्म में काम करना कुबूल कर लिया और फिर रचा गया रुपहले परदे पर फिल्म हीरो का ऐतिहासिक अफसाना.

साल 1983 में रिलीज हुई हीरो ब्लॉकबस्टर साबित हुई. मीनाक्षी शेषाद्री रातोंरात स्टार बन गई. कामयाबी का पैमाना ये था कि 32 साल पहले फिल्म हीरो ने बॉक्स ऑफिस पर 13 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली. उस दौर में सिर्फ अमिताभ बच्चन की फिल्में ही इतनी कमाई कर पाती थीं. मीनाक्षी शेषाद्री की भी दिली ख्वाहिश अमिताभ के साथ फिल्म करने की थी लेकिन अमिताभ के साथ परदे पर आने के लिए मीनाक्षी को 5 साल तक इंतजार करना पड़ा. अमिताभ बच्चन के साथ मीनाक्षी को काम करने का मौका दिया टीनू आनंद ने, वो फिल्म थी शंहशाह. अमिताभ और मीनाक्षी की जोड़ी परदे पर सुपरहिट रही. उस दौर में अमिताभ के लिए मीनाक्षी की दीवानगी किसी से छिपी नहीं थी.

शहंशाह के बाद दोनों ने गंगा जमुना सरस्वती, तूफान और अकेला फिल्में भी साथ-साथ की. अमिताभ के साथ ने मीनाक्षी का करियर चमका दिया. 80 के दशक में श्रीदेवी के स्टारडम को टक्कर देने वाली मीनाक्षी अकेली हीरोइन थी.

स्टारडम के उस दौर में मीनाक्षी एक डायरेक्टर की दीवानगी से डरने लगी थीं. उस डायरेक्टर की सफलता का दरवाजा भी मीनाक्षी की खूबसूररती ने ही खोला था. 22 जून 1990 को फिल्मी परदे पर आई मीनाक्षी की फिल्म घायल. कहा जाता है घायल के दौरान फिल्म के डायरेक्टर राजकुमार संतोषी को अपनी हीरोइन से इश्क हो गया था. राजकुमार संतोषी कई फिल्मों में मीनाक्षी को ही बतौर हिरोइन साइन कर चुके थे. मीनाक्षी को लगातार फिल्में ऑफर करने का राज तब खुला जब संतोषी ने एक दिन अपने इश्क का इजहार कर दिया.

मीनाक्षी ने राजकुमार संतोषी की मुहब्बत को कुबूल नहीं किया था और उनकी फिल्मों में काम करना जारी रखा. घायल के बाद दामिनी मीनाक्षी के करियर की सबसे अहम फिल्म साबित हुई. दामिनी के दमदार किरदार से मीनाक्षी ने माधुरी दीक्षित के स्टारडम को भी चुनौती दे दी थी. एक्टिंग के साथ मीनाक्षी के तांडव डांस ने जमाने को दंग कर दिया था. दामिनी के लिए मीनाक्षी को फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में बेस्ट हीरोइन के लिए नॉमिनेट किया गया. इस वक्त तक मीनाक्षी अपने करियर के टॉप पर थी लेकिन एक फैसला उनके लिए घातक साबित होने वाला था. साल 1996 में आई फिल्म घातक मीनाक्षी की आखिरी यादगार फिल्मी थी. इसी फिल्म के दौरान मीनाक्षी को पहली बार प्यार हुआ. फिल्मी पार्टी में एक सहेली ने मीनाक्षी को किसी से मिलवाया. वो अजनबी मीनाक्षी का सबसे जिगरी बन गया और मीनाक्षी फिल्मी चकाचौंध से दूर चली गईं. मीनाक्षी ने फिल्में छोड़ दी.

साल 1996 तक मीनाक्षी का बॉलीवुड से मोहभंग होने लगा था. उस दौर में मीनाक्षी के इंटरव्यू इस बात की तस्दीक करते हैं. बतौर हिरोइन मीनाक्षी को गॉसिप्स और लिंकअप की खबरों से उलझन होने लगी थी. वो अपनी इमेज को लेकर वो बहुत ज्यादा फिक्रमंद हो चली थीं. दरअसल खुद को दूसरी हीरोइन से बिल्कुल अलग बताने वाली मीनाक्षी एक सच छिपाने की मशक्कत करती थीं. वो सच था मीनाक्षी की शादीशुदा जिंदगी का.

साल 1995 में ही मीनाक्षी ने अमेरिका में रहने वाले इनवेस्टमेंट बैंकर हरीश मायर से शादी कर ली थी. दोनों एक फिल्मी पार्टी में मिले थे. इश्क हुआ और दोनों ने गुपचुप शादी कर ली. मीनाक्षी की शादी का सस्पेंस ऐसा था कि कहा जाता है कि उनके परिवार के लोगों को भी इसकी जानकारी बाद में हुई. हरीश से शादी के बाद भी मीनाक्षी फिल्में करती रहीं. दो राहें मीनाक्षी की आखिरी फिल्म थी जो रिलीज नहीं हो पाई.

दो राहें फिल्म के डायरेक्टर थे लेख टंडन. लेख टंडन के मुताबिक मीनाक्षी बहुत अच्छी और संस्कारी लड़की थी वो परिवार के लिए फिक्रमंद हो चुकी थी. लेख से ही मिलती-जुलती बातें मीनाक्षी के डायरेक्टर सुभाष घई ने भी हमें बताईं. शादी के बाद मीनाक्षी ने अमेरिका में बसने का फैसला कर लिया. मीनाक्षी मुंबई छोड़ टेक्सास चली गईं और फिर कभी फिल्मी दुनिया की तरफ मुड़ कर नहीं देखा.

लगभग एक साल बाद मीनाक्षी शेखर सुमन के शो मूवर्स एंड शेखर्स में नजर आईं. इस शो में वो सेलिब्रिटी गेस्ट थीं. तमिल परिवार की मीनाक्षी धनबाद के सिंदरी में पैदा हुई, दिल्ली में पली-बढ़ी, मुंबई में काम किया और शादी कर अमेरिका चली गईं. अमेरिका में भी मीनाक्षी ने डांस के शौक को नहीं छोड़ा. बचपन से क्लासिकल डांसर मीनाक्षी ने अमेरिका के टेक्सास में डांस ट्रेनिंग स्कूल खोला लिया. साल 2006 में मीनाक्षी की जिंदगी पर मार्गेट स्टीफन्स ने एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई थी. जिसके लिए मीनाक्षी ने सुभाष घई से भी संपर्क किया था.बॉलीवुड में आज भी मीनाक्षी के मुरीदों की कमी नहीं है लेकिन वो अपनी दुनिया में खुश हैं. सिल्वर स्क्रीन की हसीन हीरोइन घर-गृहस्थी संवारने में जुटी है. कभी कभार हिंदुस्तान आती-जाती हैं.

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