पानी से करें बिजनेस की शुरुआत
हर महीने होगी लाखों की कमाई

आजकल शहरों में साफ पानी एक बड़ा बिजनेस बनता जा रहा है। आप लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराने का अच्छा खासा बिजनेस शुरू कर सकते हैं। इसमें कई बड़ी कंपनियों की फ्रेंचाइजी से लेकर खुद का बिजनेस शुरू करने के मौके हैं। इसके लिए ज्यादा इन्वेस्टमेंट की भी जरूरत नहीं है, जबकि आप महीने में अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं, क्या हैं पानी से जुड़े बिजनेस आइडिया और इसके लिए कितने इन्वेस्टमेंट की जरूरत पड़ सकती है।



ऐसे लगाएं वाटर प्लांट 
लगभग हर शहर-कस्बे में लोकल बॉडी द्वारा सप्लाई किया जा रहा पानी साफ नहीं होता और पानी की क्वालिटी ठीक नहीं होती, जिस कारण लोग प्राइवेट आरओ ट्रीटमेंट प्लांट से बोतलबंद पानी मंगा कर पीते हैं। लगभग हर शहर में ऐसे ट्रीटमेंट प्लांट की जरूरत होती है। आप भी यह प्लांट लगाकर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको ऐसी जगह चुननी होगी, जहां पानी का टीडीएस लेवल अधिक न हो। इसके बाद आपको प्रशासान से लाइसेंस और आईएसआई नंबर लेना होगा। कई कंपनियां कॉमर्शियल आरओ प्लांट बना रही हैं। जो 50 हजार रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक के हैं। इसके साथ ही आपको कम से कम 100 जार ( 20 लीटर कैपेसिटी) खरीदने होंगे। इन सब में 4 से 5 लाख रुपए का खर्चा आएगा, आप बैंक से लोन के लिए अप्लाई भी कर सकते हैं। अगर आप ऐसा प्लांट लगाते हैं, जहां 1000 लीटर प्रति घंटा पानी का प्रोडक्शन होता है तो आप कम से कम 30 से 50 हजार रुपए कमा सकते हैं।
आइस क्यूब बनाने का बिजनेस कर सकते हैं-
पानी से बर्फ बनाने का बिजनेस गर्मियों में खूब चलता है, लेकिन यह बिजनेस नॉर्मल डेज में भी किया जा सकता है। इसके अलावा आइस-क्यूब बनाने का बिजनेस भी खूब बढ़ता जा रहा है। इसके लिए आपको सबसे पहले साफ और अच्छी क्वालिटी के पानी का इंतजाम करना होगा। इसके बाद आपको डीप-फ्रिजर लगाने होंगे। बाजार में अलग अलग रेंज के डीप-फ्रेजर उपलब्ध हैं। जिनकी कीमत 50 हजार रुपए से शुरू होती है। डीप-फ्रिजर में अलग-अलग साइज के ब्लॉकस का भी इंतजाम करना होगा। अनुमान है कि आप 1 लाख रुपए में यह बिजनेस आसानी से शुरू कर सकते हैं और 20 से 30 हजार रुपए आसानी से कमा सकते हैं। गर्मियों के दिनों में तो कई गुणा अधिक मुनाफा बढ़ सकता है।
बड़ी कंपनियों के डीलरशिप लेकर करें बिजनेस-
देश में बोतलबंद पानी का बिजनेस कई बड़ी कंपनियां कर रही हैं। बिसलरी, एक्वाफीना, किनले ऐसे ब्रांड हैं, जिनकी 200 एमएल से लेकर एक लीटर तक की पानी की बोतलों को बहुत डिमांड है। इसके अलावा ये 20 लीटर का जार भी सप्लाई करते हैं। आप इन कंपनियों से डिस्ट्रीब्यूटरशिप ले सकते हैं। इस पर आपको 5 से 10 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा। आप अपना इन्वेस्टमेंट भी बढ़ा सकते हैं।
चीलिंग प्लांट लगाकर शुरू करें बिजनेस-
शहरों में बोतल के अलावा 10 से 15 लीटर के जग में भी पानी की सप्लाई की जाती है। यह पानी चीलिंग प्लांट से लाया जाता है। आरओ प्लांट की तरह ही एक अच्छी ग्राउंड वाटर क्वालिटी वाली जगह पर चीलिंग प्लांट लगाए जाते हैं। चीलिंग प्लांट में पानी को इस स्तर पर ठंडा किया जाता है कि उसके बैक्टीरिया मर जाते हैं। फिर इस ठंडे पानी को जग में घरों या दुकानों में रोजाना सप्लाई किया जाता है। इस प्लांट को लगाने में 2 से 4 लाख रुपए तक का खर्च आता है और एक बार काम चल निकले तो 30 से 40 हजार रुपए कमाए जा सकते हैं।

म्यूजिक थेरेपी में बना सकते हैं कॅरियर

कहते हैं संगीत में ऐसी ताकत होती है जो मन की उदासी को दूर कर सकता है। साथ ही संगीत कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियों से भी छुटकारा दिला सकता है। अगर आपको भी संगीत से प्यार है और आप अपने इस गुण का इस्तेमाल करके लोगों की मदद करना चाहते हैं तो बतौर म्यूजिक थेरेपिस्ट अपना एक उज्जवल भविष्य देख सकते हैं। एक म्यूजिक थेरेपिस्ट संगीत में छिपी ताकत का इस्तेमाल करके कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी मानसिक व शारीरिक रूप से सशक्त बनाने का काम करता है। एक म्यूजिक थेरेपिस्ट फिजिकल, डेवलपमेंट व मानसिक रूप से अशक्त लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं। इतना ही नहीं, कभी-कभी वे जानलेवा बीमारियों जैसे एचआईवी, कैंसर से पीडि़त व्यक्तियों के भीतर भी जीने की एक नई आशा उत्पन्न करते हैं। वे मेडिकल टीम के साथ मिलकर लोगों को उनकी बीमारियों से उबरने में मदद करते हैं। जहां मेडिकल टीम ट्रीटमेंट पर जोर देती है, वहीं म्यूजिक थेरेपिस्ट पेशेंट पर अपना फोकस करते हैं और उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से बेहतर बनाने के लिए कार्य करते हैं। साथ ही वे संज्ञानात्मक व व्यवहार में बदलाव तकनीक के माध्यम से न सिर्फ रोगी के मन में एक पॉजिटिव एटीटयूट का निर्माण करते हैं, बल्कि शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम लोगों को स्वयं की अभिव्यक्ति करना भी सिखाते हैं।
 स्किल्स
चूंकि एक म्यूजिक थेरेपिस्ट का कार्य मानव सेवा से जुड़ा हुआ है, इसलिए एक बेहतर म्यूजिक थेरेपिस्ट बनने के लिए आपके भीतर मानव सेवा का जज्बा, उनके प्रति केयर व उनकी भावनाओं को समझने की क्षमता होनी चाहिए। सहानुभूति, धैर्य, क्रिएटिविटी, कल्पना, नए विचारों को स्वीकारना और स्वयं की समझ भी इस क्षेत्र के लिए कुछ आवश्यक योग्यताएं हैं। साथ ही आपको अपने कार्य को अंजाम देने के लिए संगीत का सहारा लेना पड़ता है, इसलिए आपको संगीत को समझने की क्षमता, विभिन्न संगीत शैलियों का ज्ञान व उसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल भी करना आना चाहिए। 
योग्यता
जहां विदेशों में म्यूजिक थेरेपिस्ट के लिए बैचलर डिग्री व पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर भी कोर्सेस अवेलेबल हैं। साथ ही वहां पर छात्रों को द सर्टिफिकेशन बोर्ड ऑफ म्यूजिक थेरेपिस्ट द्वारा मान्यता भी प्रदान की जाती है। वहीं, भारत में म्यूजिक थेरेपिस्ट के लिए ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर कोर्स बेहद कम उपलब्ध है। लेकिन अगर आप इस क्षेत्र में अपना भविष्य देख रहे हैं तो डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करने के बाद कदम बढ़ा सकते हैं।
 संभावनाएं
एक म्यूजिक थेरेपिस्ट चिकित्सा और मनोरोग अस्पतालों, रिहेबिलिटेशन सेंटर के साथ जुडक़र काम कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त ऐसे बहुत से एनजीओ व संस्थाएं हैं जो विभिन्न शारीरिक व मानसिक चुनौतियों का सामना कर रहे लोगों की मदद करते हैं, उन्हें भी हमेशा ऐसे थेरेपिस्ट की आवश्यकता होती है। साथ ही म्यूजिक थेरेपिस्ट की डिमांड हमेशा नेशनल हेल्थ सर्विस टस्ट, स्पेशल स्कूल्स, कम्युनिटी मेंटल हेल्थ एंजेसी, जेलों, डग व एल्कोहल रिहेबिलिटेशन सेंटर आदि में हमेशा ही बनी रहती है, आप वहां भी नौकरी की तलाश कर सकते हैं।

स्थान
म्यूजिक थेरेपी एकेडमी, नई दिल्ली।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ म्यूजिक थेरेपी, दिल्ली।
इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल म्यूजिक थेरेपी, चेन्नई।
चेन्नई स्कूल ऑफ म्यूजिक थेरेपी, चेन्नई।
महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीटयूट, पांडिचेरी।
एमईटी इंस्टीटयूट ऑफ अल्टरनेटिव कॅरियर, मुंबई।

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