नहिदा आफरीन
चुप क्यों है सेक्युलर जमात ?
sanjay tiwari
अगर म्यूज़िक ,मैजिक, डांस, ड्रामा, थिएटर जैसी चीजें शरिया के खिलाफ है तो फिर कला , फिल्म और संगीत जगत में किसी मुसलमान को होना ही नहीं चाहिए .लेकिन यह दुनिया तो मुसलमान कलाकारों , फिल्मकारों , संगीतकारों से भरी पड़ी है .ताज्जुब यह कि भरी संख्या में काम कर रहे मुस्लिम फिल्मकारों , संगीकारो , कलाकारों , के खिलाफ कभी कोई फतवा नहीं जारी होता ,पर असं की नाहिदा के खिलाफ फ़तवो का क्या मतलब ? फतवे जारी करने वालो के तर्क केवल नाहिदा पर ही लागू क्यों हो रहे ? नाहिद के गाने से कोई मज़हब भला खतरे में कैसे आ गया ? यह कैसा मज़हब है जो एक बालिका के गीत गाने से खतरे में आ जाता है ? ताजुब यह की बात बात पर दिल्ली में जंतर मंतर पर काली पट्टी बाँध कर मौन जुलूस निकालने वाले और मोमबत्तिया जलाने वाले मुख्यधारा के सारे सेक्युलरवादी , बुद्धिजीवी और विचारक अभी तक चुप हैं . कोई नेशनल मीडिया इस पर बहस नहीं करा रहा . पद्मिनी के मुद्दे पर पद्मिनी के अस्तित्व को ही नकार देने वाले कथित बुद्धिजीवी और इतिहासकार या संस्कृतिकर्मी अभी तक नाहिदा के मामले में चुप्पी साढ़े हुए हैं . अभी तक नाहिद के पक्ष में केवल तस्लीमा नसरीन और शोभा डे खुल कर बोल सकी हैं . बुद्धिजीवियों और सेक्युलरवादियों की बाकी जमात कहा है ?
अपने सुरों से सबका दिल मोह लेनी वाली नहिदा आफरीन मुश्किलों में घिरी हुई हैं। इंडियन आयडल के जरिए पूरे देश को अपनी आवाज का दीवाना बना चुकी नाहिदा के खिलाफ फतवा जारी हुआ है। इसके बावजूद वह इस्लाम के धर्मांधों के आगे झुनके को मंजूर नहीं हैं। साल 2015 में नहीदा इंडियन आयडल जूनियर की फर्स्ट रनरअप रह चुकी हैं। 16 वर्षीय नहिदा के खिलाफ असम में 46 फतवे जारी हुए हैं। उन्हें गाना गाने से रोकने के लिए ये फतवे जारी किए गए हैं। फतवे के अनुसार म्यूजिकल नाइट जैसी चीजें शरिया के खिलाफ हैं। मध्य असम के होजई और नगांव जिलों में ऐसे कई पर्चे बांटे गए जिसमें असमी भाषा में फतवा जारी करने वाले लोगों का नाम लिखा था। पर्चे के मुताबिक, मैजिक, डांस, ड्रामा, थिएटर जैसी चीजें शरिया के खिलाफ है और भावी पीढ़ी भ्रष्ट होगी। काफी पहले “पगाश” नाम के एक लड़कियों के बैंड को इस्लामिक आतंकी कश्मीर में बंद करवा चुके हैं। स्त्री को बुर्के में कैद रखने की कड़ी में इस कोशिश पर भी मुख्य धारा की मीडिया और तथाकथित नारीवादियों ने अब तक परंपरागत चुप्पी ही साध रखी है
मध्यम असम के होजोई और नागांव जिले में असमिया भाषा में कुछ पर्चे बांटे गए हैं। इन पर्चों पर असममिया भाषा में फतवा लिखा हुआ है। साथ ही इसमें फतवा जारी करने वालों के नाम भी लिखे हुए हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक नहिदा ने हाल ही में कुछ आतंकवाद संगठन जैसे आईएस और भी कई संगठन के खिलाफ गाने परफॉर्म किए थे। इस कारण से नाहिदा को निशाने पर साधा गया है। असल में नाहिदा को 25 मार्च को असम के लंका इलाके के उदाली सोनई बीबी कॉलेज में गाना गाना था। फतवे के मुताबिक, ऐसा करना शारिया के खिलाफ माना गया है। जिस वजह से इनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया है। फतवे के मुताबिक रात में कहीं जाकर गाना और म्यूजिकल नाइट जैसी चीजें करना शरिया के खिलाफ होती है।नाहिदा आफरीन दसवी कक्षा की छात्रा हैं। इस पूरे मामले में जब उनकी राय पूछी गई तो उन्होंने कहा, ‘’मैं इस पर क्या कहूं। मुझे लगता है कि मेरा संगीत अल्लाह का तोहफा है।’ निडर नहिदा ने कहा कि वह इन धमकियों के आगे कभी नहीं झुकेंगी। वह संगीत का साथ कभी नहीं छोड़ेंगी।
यह गज़ब की विडम्बना है.दसवीं क्लास में पढ़ने वाली एक लड़की के खिलाफ 42 मौलवियों ने इसलिए फतवा जारी कर दिया क्योंकि लड़की ने आईएस विरोधी गाना गाया था। 16 साल की नाहिद आफरीन 2015 में सिंगिंग के एक टीवी रिएलिटी शो में द्वितीय विजेता रही थीं। दरअसल नाहिदा ने 25 तारीख को एक मस्जिद और एक कब्रिस्तान के आसपास के क्षेत्र में एक कार्यक्रम किया था। जिसके बाद उनके खिलाफ 42 मौलवियों ने फतवा जारी किया और पब्लिक में गाने पर रोक लगा दी। फतवे में कहा गया है कि 25 तारीख को हुआ नाहिद का कार्यक्रम शरिया कानून के खिलाफ भी था। फतवे में कहा गया है कि अगर मस्जिद, ईदगाह, मदरसा या कब्रिस्तान के आसपास के इलाके में म्यूजिकल नाइट जैसे शरिया विरोधी काम किए जाएंगे तो हमारी भावी पीढ़ियों को अल्लाह के क्रोध सहना पढ़ेगा। विश्वनाथ चरियाली में रहने वाली युवा सिंगर को जब फतवे के बारे में पता लगा तो वह हैरान रह गई। उसने कहा कि गाना गाने की कला उन्हें ऊपर वाले से मिली है, जिसको वह कभी नहीं छोड़ेंगी। अगर इस गॉड गिफ्ट का सही इस्तेमाल नहीं करती हैं तो यह ऊपर वाले का ही अपमान होगा।
यह गज़ब की विडम्बना है.दसवीं क्लास में पढ़ने वाली एक लड़की के खिलाफ 42 मौलवियों ने इसलिए फतवा जारी कर दिया क्योंकि लड़की ने आईएस विरोधी गाना गाया था। 16 साल की नाहिद आफरीन 2015 में सिंगिंग के एक टीवी रिएलिटी शो में द्वितीय विजेता रही थीं। दरअसल नाहिदा ने 25 तारीख को एक मस्जिद और एक कब्रिस्तान के आसपास के क्षेत्र में एक कार्यक्रम किया था। जिसके बाद उनके खिलाफ 42 मौलवियों ने फतवा जारी किया और पब्लिक में गाने पर रोक लगा दी। फतवे में कहा गया है कि 25 तारीख को हुआ नाहिद का कार्यक्रम शरिया कानून के खिलाफ भी था। फतवे में कहा गया है कि अगर मस्जिद, ईदगाह, मदरसा या कब्रिस्तान के आसपास के इलाके में म्यूजिकल नाइट जैसे शरिया विरोधी काम किए जाएंगे तो हमारी भावी पीढ़ियों को अल्लाह के क्रोध सहना पढ़ेगा। विश्वनाथ चरियाली में रहने वाली युवा सिंगर को जब फतवे के बारे में पता लगा तो वह हैरान रह गई। उसने कहा कि गाना गाने की कला उन्हें ऊपर वाले से मिली है, जिसको वह कभी नहीं छोड़ेंगी। अगर इस गॉड गिफ्ट का सही इस्तेमाल नहीं करती हैं तो यह ऊपर वाले का ही अपमान होगा।
आशु परिहार जो कुछ समय पहले की फतवे की दुनिया से बाहर आई है, उसने जैसे ही सुना की मौलवियों द्वारा एक और बेटी को फतवे दिया जा रहे है उसने उस बेटी के लिए देशभर के लोगो से गुहार लगाई कि मेरी तरह इस बेटी के साथ भी पूरा देश खड़ा रहे ताकि इन फतवो को कड़ा जबाब मिल सके. साथ ही आशु परिहर ने कहा कि वह इस बच्ची के साथ हमेशा खड़ी रहेगी जो देश के लिए अच्छा कार्य करेगा इसके साथ में हमेशा खड़ी रहूंगी साथ की उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को कोई प्रॉब्लम तो इन बच्ची से तो में इसे अपने परिवार का हिस्सा बनाने के लिए भी तैयार हूँ .